रांची : झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच कर रहे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान राज्य सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों आईएएस विनय कुमार चौबे (पूर्व सचिव, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग) और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर 38 करोड़ रुपये के घोटाले में संलिप्तता का आरोप है.
प्लेसमेंट एजेंसी चयन में गड़बड़ी, सरकार को करोड़ों का नुकसान
एसीबी की जांच में यह सामने आया कि दोनों अधिकारियों ने एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में नियमों की अनदेखी की, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ. उस वक्त विनय कुमार चौबे झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के प्रबंध निदेशक भी थे.
सुबह से शाम तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तारी
एसीबी की टीम ने सुबह 10 बजे विनय कुमार चौबे को उनके आवास से उठाया और एसीबी कार्यालय लाकर पूछताछ शुरू की. वहीं गजेंद्र सिंह को भी दोपहर में बुलाया गया. लगभग 6.5 घंटे की पूछताछ के बाद शाम 4:40 बजे दोनों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तारी के बाद दोनों को रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार भेजने का आदेश दिया. एसीबी जल्द ही रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन करेगी.
एसीबी ने प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज की प्राथमिकी
एसीबी ने पहले प्रारंभिक जांच (PE) शुरू की थी, जिसमें दोनों अधिकारियों के खिलाफ घोटाले के सबूत मिले. इसके बाद 20 मई 2025 को रांची एसीबी थाना कांड संख्या 09/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. एसीबी ने उत्पाद विभाग के अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है.