जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने बुधवार को कीताडीह क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर अभियान चलाया. इस दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र आरपीएफ और स्थानीय पुलिस के दर्जनों जवानों की तैनाती की गई थी. जैसे ही बुलडोजर चला, बस्ती में अफरा-तफरी मच गई और लोगों में भय और आक्रोश का माहौल बन गया.
10 अप्रैल को मिला था नोटिस, फिर भी नहीं खाली की जमीन
रेलवे ने इससे पहले यहां रहने वाले लोगों को 10 अप्रैल तक जमीन खाली करने का नोटिस दिया था. इसके बाद माइकिंग के जरिए से सार्वजनिक घोषणा कर अंतिम चेतावनी भी दी गई थी. बावजूद इसके जब जमीन खाली नहीं की गई, तो बुधवार को कार्रवाई की गई. फिलहाल 16 मकान और दुकानों को ध्वस्त किया गया है, लेकिन रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह केवल शुरुआती चरण है.
विकास योजना के तहत और भी बस्तियों में कार्रवाई संभव
सूत्रों के मुताबिक, रेलवे की विकास परियोजना के तहत कीताडीह समेत अन्य क्षेत्रों में भी दर्जनों कच्चे-पक्के मकानों को तोड़े जाने की तैयारी है. बस्तीवासियों का आरोप है कि उन्हें विकल्प या पुनर्वास की व्यवस्था किए बिना उजाड़ा जा रहा है. अचानक हुई कार्रवाई से स्थानीय निवासी दहशत में हैं. कई लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें पूरा समय नहीं दिया गया, और अब वे बेरोजगार और बेघर हो गए हैं.
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि यह जमीन रेलवे की संपत्ति है और विकास कार्यों के लिए अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है. विभाग ने सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए समय पर नोटिस और चेतावनी दी थी.