जमशेदपुर : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड सरकार पर बड़ा हमला करते हुए राज्य में 600-700 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले में खुद मुख्यमंत्री की अहम भूमिका है और वे अपने सचिव को बलि का बकरा बनाकर खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. रघुवर दास ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि एसीबी द्वारा आईएएस विनय चौबे की गिरफ्तारी केवल सीबीआई और ईडी की कार्रवाई से बचने की एक साजिश है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त 2022 में मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री और विधायक छत्तीसगढ़ के दौरे पर विशेष बस और विमान से गए थे. उन्होंने सवाल उठाया कि इस यात्रा का खर्च किसने उठाया और वहां महंगे होटलों में ठहरने का भुगतान किसने किया. रघुवर दास ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब माफियाओं ने झारखंड की शराब नीति को प्रभावित किया और वही इस टूर का खर्च उठा रहे थे.
विनय चौबे को विशेष सुविधाएं देने का आरोप
रघुवर दास ने कहा कि विनय चौबे को रांची जेल में विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि उन्हें सीबीआई या ईडी के हवाले न करना पड़े. उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में सीबीआई को गहराई से जांच करनी चाहिए और पूरे नेटवर्क को उजागर करना चाहिए.
श्री दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर झारखंडी संस्कृति को खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने जीवनभर शराब और साहूकारों का विरोध किया, वहीं उनके पुत्र गांव-गांव में शराब की दुकानें खुलवाकर राज्य की युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेल रहे हैं. उन्होंने मांग की कि सरकार गांवों में शराब की दुकानें बंद करे और शिक्षा व स्वास्थ्य पर फोकस करे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि 2018 में बनाई गई शराब नीति अधिक जनहितकारी थी, जिसके कारण उस वर्ष राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई थी.