जमशेदपुर : 20 अप्रैल को एमजीएम थाना क्षेत्र के गौड़गोड़ा में गोली लगने से क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सिंह की हुई मौत की गुत्थी अब सुलझने लगी है. पुलिस जांच में यह बात सामने आ रही है कि यह मामला आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या का है, जिसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गयी थी.
अपना ही हथियार बना मौत की वजह
पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ है कि जिस पिस्तौल से विनय सिंह की मौत हुई, वह उन्हीं की थी और उन्होंने इसे आत्मरक्षा के लिए रखा था. कुछ दिनों से उनकी रेकी की जा रही थी, जिसकी शिकायत उन्होंने डीएसपी से भी की थी. इसी कारण एक करीबी मित्र ने उन्हें अवैध हथियार उपलब्ध कराया था। पुलिस अब उस मित्र से भी पूछताछ कर रही है.
हत्या से पहले विनय सिंह को एक व्यक्ति ने फोन कर गौड़गोड़ा बुलाया था. वहां दोनों के बीच विवाद हुआ, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गया और उसी दौरान गोली चल गयी. पुलिस को शक है कि आरोपी ने गोली चलाने के बाद हथियार वहीं रख दिया ताकि मामला आत्महत्या जैसा लगे.
मोबाइल से मिटाए गए सबूत, लेकिन पुलिस ने किए रिकवर
आरोपी ने हत्या के बाद अपने मोबाइल से कॉल डिटेल्स डिलीट कर दिए, लेकिन पुलिस की टेक्निकल टीम ने कॉल डिटेल्स रिकवर कर लिये हैं. उस मोबाइल नंबर की लोकेशन रांची में पाई गई और वह नंबर एक जमीन कारोबारी के पास था, जिससे पूछताछ जारी है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह हत्या किसी पेशेवर शूटर द्वारा नहीं की गई है, बल्कि यह आपसी रंजिश और जमीन विवाद का नतीजा है. विनय सिंह और कुछ स्थानीय जमीन कारोबारियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. इस संबंध में पुलिस जमीन कारोबारी अमित श्रीवास्तव उर्फ जॉनी और मृतक के करीबी सहयोगियों से भी पूछताछ कर रही है.
घटनास्थल पर हुआ सीन रीक्रिएशन
बुधवार को ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, डीएसपी वचनदेव कुजूर और एमजीएम थाना प्रभारी रामबाबू मंडल ने घटनास्थल पर सीन रीक्रिएट किया. एफएसएल टीम ने विनय सिंह के हाथों से फिंगरप्रिंट लेकर जांच शुरू कर दी है, जिससे यह साबित किया जा सके कि गोली चलाने वाला वास्तव में कौन था. इस मामले में मृतक की पत्नी रीना सिंह ने एमजीएम थाना में अज्ञात के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है. पुलिस का दावा है कि वह जल्द ही इस हत्याकांड का पर्दाफाश कर देगी.