जमशेदपुर : झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों को पिछले तीन महीनों से भुगतान नहीं मिलने के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। पूर्वी सिंहभूम जिले के 32 सहित राज्यभर के 750 अस्पताल और नर्सिंग होम इस योजना में निबंधित हैं, लेकिन लगातार भुगतान में देरी के कारण अब इलाज प्रभावित होने की स्थिति बन गई है।
जल्द भुगतान नहीं मिला तो बंद हो सकता है इलाज: आईएमए
शुक्रवार को साकची स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में जमशेदपुर ब्रांच के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर जल्द ही अस्पतालों को भुगतान नहीं किया गया, तो आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो अस्पताल नियमों का पालन करते हुए इलाज कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र भुगतान किया जाए, जबकि जिन अस्पतालों में अनियमितता पाई गई है, उनकी निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाए।
10 करोड़ बकाया के बाद भी सेवा दे रहा ब्रह्मानंद अस्पताल
हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के जमशेदपुर चैप्टर के संयोजक डॉ. मनोज यादव ने बताया कि राज्य भर के 750 अस्पतालों में से 212 अस्पतालों की जांच हो रही है, जिनमें से 76 को क्लीन चिट मिल चुकी है। इसके बावजूद भुगतान लंबित है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर तीन जून को स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। वहीं ब्रह्मानंद अस्पताल के डॉ. मुकेश कुमार ने जानकारी दी कि अस्पताल का 10 करोड़ रुपये बकाया है, इसके बावजूद हार्ट और डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं मानवीय आधार पर दी जा रही हैं। जबकि नियमानुसार 21 दिनों के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए।
प्रेस वार्ता में आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. जीसी मांझी, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. अमित कुमार, डॉ. राजीव ठाकुर सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि गरीबों के हित में चलाई जा रही इस योजना को बचाने के लिए अस्पतालों का बकाया भुगतान शीघ्र किया जाए।